भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने का एकमात्र तरीका "लाइट आफ एशिया" "मैं बुद्ध की धरती से आया हूं"

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 "मैं बुद्ध की धरती से आया हूं"




















 "युद्ध नहीं बुद्ध" दिए हैं ऐसा कहने वाले देखो जिस बुद्ध के नाम पर दुनिया से भीख मांगते हो ऐसे महाकारूणिक, भगवान तथागत बुद्ध के साथ क्या किया, बुद्ध की धरती भारत, आज कपोल कल्पित, कार्टून टाइप भगवान और उनके पाखन्डी,गुरुओं की वजह से लगातार अंधकारमय होता जा रहा है भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने का एकमात्र तरीका "लाइट आफ एशिया" भगवान ,तथागत गौतम बुद्ध के द्वारा बताया हुआ "अप्प दीपो भव", त्रिशरण ,पंचशील और अष्टांगिक मार्ग है! मानव जीवन में "धम्म " से ही कल्याण हो सकता है ! जापान, कोरिया ,थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, जापान, वियतनाम जैसे अग्रणी देश बुद्ध को ही मानते हैं । बुद्ध टूरिज्म का 35 पर्सेंट भाग सिर्फ चाइना ले रहा है! हमारे यहाँ पण्डे पुरोहित बुद्ध का स्वरूप ही बदलने पर लगे है। मोदी बनारस में रोज जाते है गंगा आरती रोज करते है लेकिन लेकिन वही से दस किलोमीटर दूर सारनाथ कभी नही गये। हमारे देश में जहां भगवान बुद्ध जन्म लेते हैं/ पूरा जीवन देते हैं सिर्फ और सिर्फ 5% भागीदारी हैं/ क्योंकि हम लोगों ने भगवान बुद्ध के विचारों को और धरोहर को नष्ट करने का काम किया, सिर्फ और सिर्फ दिखावे में कहा कि हम भगवान बुद्ध की धरती से आए हैं ! युद्ध नहीं, हमने बुद्ध दिया है / जब तक यह स्लोगन रहेंगे भारत दुनिया के मानचित्र में धूमिल होता रहेगा ,कर्म में भगवान बुद्ध के विचारों को लाने की जरूरत है, दिखावे से बदलाव नहीं आएगा "अप्प दीपो भव"बुद्धम शरणम गच्छामि .जय मूलनिवासी 


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