हमास द्वारा जर्मन लड़की को नग्न कर परेड कराने के बाद उसके निर्वसन शरीर की दुर्दशा करते वीडियो देख कर मध्यकालीन भारत की स्त्रियों के जौहर का स्मरण हो आया । मृत्यु के बाद भी उधर लाशों की दुर्दशा करने की परंपरा है इसलिए मृत शरीर भी उनके हाथ में नहीं पड़ना चाहिए ।
जौहर करने वाली हर स्त्री जौहर के लिए जाते हुए अपने हाथ की छाप दीवार पर छोड़ जाती थीं ।