*बहुजन समाज के विद्वान बुद्धिमान बुद्धिजीवियों से सामाजिक अपील*

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*बहुजन समाज के विद्वान बुद्धिमान बुद्धिजीवियों से सामाजिक अपील*
        साथियों
*बामसेफ संगठन (मातृ संगठन)* है। 
जिस प्रकार हर मां की सोच होती है कि मेरा बेटा राजा बने, मेरा बेटा इंसान बने, मेरा बेटा इज्जतदार बने मेरा बेटा समझदार बने और इसके मां अनेकों समस्या का सहन करती है संघर्ष करती है ठीक उसी प्रकार बामसेफ संगठन का उद्देश्य है कि हमारे बहुजन समाज के लोग शासन करती जमात जमात बने, हमारे समाज के लोग भी मान सम्मान स्वाभिमान के साथ जिए। 
          साथियों 17 अगस्त 1952 को बाबा साहेब अंबेडकर ने हमारे समाज को काफी हीं मौलिक चेतावनी देते हुए कहा था " कि मेरी दृष्टि से अभी भी कुछ काम अधूरा है इसलिए मेरे इस अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दो "।
           हमारे समाज के लोगों को ये बात समझ में नहीं आई और बाबा साहेब को भगवान बनाकर पूजा करने लगे। बाबा साहेब के जन्म जयंती पर हमारे समाज के पढ़े लिखे, विद्वान, बुद्धिमान, बुद्धिजीवी, अधिकारी,कर्मचारीगण लाखों करोड़ों रुपए नाच, गाने, डीजे, टेंट लगाकर नाचते गाते हैं और नारा लगाते हैं " बाबा तेरा मिशन अधूरा, हम सब मिलकर करेंगे पूरा, और जोर जोर से " जय जय जय जय जय भीम का उद्घोष करते हैं और फिर साल भर के लिए सो जाते हैं। कभी ये जानने का प्रयास नहीं करते कि आखिर बाबा साहेब जैसे विश्वगुरु जिन्होंने हजारों साल की गुलामी को संविधान लिखकर एक लाइन में खत्म कर दिए और लोगों को कहा *"जाओ अपने घरों के चाहर दिवारी पर लिख दो हम इस देश के शासक हैं हमें इस देश का शासन करती जमात बननी है"* ऐसे महामानव ने क्यों कहा कि " मेरे अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दो"? आखिर बाबा साहेब का कौन सा अधूरा काम है? 
आइए जानते हैं कि *बाबा साहेब का कौन कौन सा कामअधूरा रह गया है जिसको पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने को कह रहे हैं?*
1:अपने समाज को शासन करती जमात बनाना।
2:इस देश में समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं न्याय पर आधारित समाज का निर्माण करना।
3:आर्टिकल 13 को लागू करवाना जो हजारों सालों से चली आ रही मनुवादी व्यवस्था जो हमारे समाज को अधिकार से वंचित करके गुलाम बनाए रखा था उस पाखंडी व्यवस्था को बाबा साहेब ने आर्टिकल 13 लिखकर खत्म कर दिए हैं जो कानून हमारे बेटे को राजा बनने से रोकता है।
4:आर्टिकल 340 को लागू करवाना जो ओबीसी समाज को संख्या के आधार पर अधिकार देने की बात करता है।  ओबीसी समाज को राजा बनने का अधिकार देता है।
5:वर्ण व्यवस्था, जाति व्यवस्था को नष्ट करना।
          इसी अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए *बाबा साहेब अंबेडकर ने समाज के बुद्धिजीवी वर्गों से अपील किया था कि आप अगर पढ़ लिखकर कुछ बन जाना तो थोड़ा समय, थोड़ा पैसा, थोड़ा बुद्धि,थोड़ा हुनर और थोड़ा श्रम देकर अपने समाज को हक अधिकार दिलाने के लिए इस कारवां को आगे बढ़ाते रहना।* हमारे समाज के लोगों ने बाबा साहेब को माना मगर बाबा साहेब की नहीं माना और संविधान से मिले अधिकार के बदौलत उच्च से उच्च अधिकारी कर्मचारी बनें और सारी जिंदगी अपने परिवार के बारे में हीं सोचते सोचते मर गए। अगर साइकिल है तो मोटर साइकिल चाहिए, मोटर साइकिल है तो कार चाहिए। घर है तो बड़ा सा फ्लैट चाहिए, एक फ्लैट है तो पांच फ्लैट चाहिए, एक जगह फ्लैट है तो पांच जगह पर चाहिए। एक जगह जमीन है तो पांच जगह जमीन है तो पांच जगह चाहिए, बेटा पढ़ लिखकर अपने पैर पर खड़ा हो गया तो अब पोता कैसे होगा ये सोचते हैं,  पोता जब अपने पैर पर खड़ा हो गया तो छड़पोता के बारे में सोचते हैं और कभी कभी उस समाज के लोगों को बोल देते हैं कि हमने तो इतना कमाकर रख दिया है कि आने वाली सात पुश्त में भी खत्म नहीं होगा। ये सोच है हमारे समाज के बुद्धिजीवी वर्गों का। जिस बाबा साहेब ने संविधान देकर जीने का हक दिया, जिसने हमें मान सम्मान स्वाभिमान से जिंदगी जीने का अधिकार दिया,जिनका उद्देश्य था की मेरा शिक्षा मेरे समाज के लिए होगा, हमने ऐसे महामानव को मान सम्मान नहीं दिया और हमारे लोगों ने अपना उद्देश्य निर्धारित किया कि मेरी शिक्षा केवल मेरे परिवार के लिए होगा।
इसलिए *18 मार्च 1956 को बाबा साहेब ने आगरा के रामलीला मैदान में लाखों लोगों के बीच रोते हुए कहा था कि मुझे मेरे समाज के पढ़े लिखे लोगों ने धोखा दिया*।
        सम्मानित साथियों 
                     बामसेफ संगठन का उद्देश्य है व्यवस्था परिवर्तन जो बाबा साहेब के अधूरे कार्य को पूरा करके हीं होगा इसके लिए *बामसेफ के लोग 1978 से लेकर आज तक अपना समय बुद्धि पैसा हुनर श्रम देकर अपनी जान की बाजी लगाकर संघर्ष कर रहे हैं।* लगातार अपने बहुजन महापुरुषों के विचारों को बताकर वैचारिक जागृति कर रहे हैं। ताकि जल्द से जल्द हमारा समाज मनुवादी  व्यवस्था के जाल से निकल कर आजाद हो जाय क्योंकि आजाद लोग हीं शासक बनते हैं। अपने समाज को शासन करती जमात बनाने के लिए बामसेफ संगठन निरंतर संघर्ष कर रहा है।
आज वर्तमान में बामसेफ संगठन OBC/SC/ST/MINORITIES समाज का विशाल संगठन बन चुका है।
मान्यवर वामन मेश्राम साहेब के कुशल नेतृत्व में आज बामसेफ राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय संगठन हो चुका है। 
*बामसेफ भारत के 31 राज्यों, 570 जिले, 5500 तहसील, 22 हजार ब्लॉक, 2 लाख गांव में फैल चुका है।*
और दुश्मन द्वारा बनाए गए 6742 जाति में से 4400 जाति (OBC/SC/ST/MINORITY/NT/DNT/VJNT) के लोग मिलजुलकर संघर्ष कर रहे हैं।
साथियों,
           बामसेफ संगठन का 40 वां राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक 24 दिसंबर से 28 दिसंबर 2023 तक नागपुर महाराष्ट्र में होने जा रहा है जिसमें भारत के अलावे विभिन्न देशों के डेलीगेट इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। इस अधिवेशन को सफल बनाने के लिए आप भी *अपना समय पैसा हुनर बुद्धि श्रम देकर अपने महान पुरखों के अधूरे कार्य को पूरा करने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।*
जय मूलनिवासी 
                              
                                 
                                        
                      

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