सोनभद्र:1400 मिलियन वर्ष पुराना यह पार्क एशिया के सबसे पुराने पार्कों में से एक माना जाता है।

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सोनभद्र :: धरती के रहस्य को समेटे इस कुदरत के नायाब तोहफों में से एक है सोनभद्र।
सलखन जीवाश्म पार्क जल्द ही यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल होगा
1400 मिलियन वर्ष पुराना यह पार्क एशिया के सबसे पुराने पार्कों में से एक माना जाता है। 

पर्यटन विभाग ने इस स्थल को एक बड़ा पर्यटक आकर्षण बनाने के लिए हेरिटेज टैग प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अत्यंत पुराने इस जीवाश्म को सरकार अंतरराष्ट्रीय धरोहर घोषित कराने की पहल करी है,  इस जीवाश्म के इतिहास और इसके महत्व के बारे में हर कोई जानने की इच्छा जाहिर करता है..
उसके बारे में हर कोई जानने की इच्छा जाहिर करता है हैं..!!

सोनभद्र जिला मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर सलखन में स्थित यह जीवाश्म यानी फॉसिल करीब 25 हेक्टेयर में फैला है। करोड़ों साल पुराने इस जीवाश्म की खोज जिले में सबसे पहले 1933 में जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने किया था। कैमूर वन्य जीव अभ्यारण के अंदर स्थिति इस अनमोल धरोहर के इतिहास को दुनिया के कई वैज्ञानिक प्रमाणित कर चुके हैं।

करीब 83 साल पहले यानी 1933 में इस फॉसिल की खोज हुई थी। उस समय वैज्ञानिक ऑडेन ने इस पर रिसर्च भी किया। प्रख्यात भू-वैज्ञानिक एचजे हाफमैन सलखन के इस पार्क को देखकर काफी प्रभावित हुए थे। इसके बाद 1958 व 1965 में अथर ने भी इस पर रिसर्च वर्क किया है। 1980 व 1981 में प्रो. एस कुमार ने भी यहां के फॉसिल पर रिसर्च वर्क किया।वर्ष 2002 में दुनिया के 42 वैज्ञानिकों ने यहां आकर इसके रहस्य और इतिहास को देखा, समझा और इस पर शोध किया।

दिसंबर 2002 में सलखन फॉसिल पर रिसर्च करने आई दुनिया के 42 वैज्ञानिकों की टीम ने यहां हुई वर्कशाप में माना है कि यह जीवाश्म करीब 150 करोड़ वर्ष पुराना है। उनका एक स्वर में कहना था कि करीब 150 करोड़ वर्ष पहले यहां छिछला समुद्र था। समुद्र के पानी के भीतर पहले काई की उत्पत्ति हुई जो हमारे जीवन के लिए वरदान साबित हुई। काई के लेयर में स्थित सूक्ष्म जीव पानी के आक्सीजन को ग्रहण करके कार्बन डाई आक्साइड छोड़ना शुरू किए। कालांतर में सूक्ष्म जीवों और कार्बन डाई आक्साइड के संयोग से कैल्सियम कार्बोनेट बना।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने की क्षमता वाला है सोनभद्र..
उम्मीद है कि सोनभद्र के इस नायाब चीज को अब राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

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