भारत में भारतीय मूलनिवासी स्त्रियों को और भारतीय मूलनिवासी पुरुषों को """ब्राह्मण पुरुषों""" के खिलाफ खड़ा होना ही होगा और ब्राह्मण पुरुषों को भारत से हमेशा-हमेशा के लिए भ@ना होगा और दूसरा कोई रास्ता नही है।

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भारत में आर्यों के आक्रमण के पश्चात तक भी भारत में भारतीय मूलनिवासी "स्त्री, पुरुष" हर प्रकार से सुरक्षित थे। भारतीय मूलनिवासी सम्राट बृहद्रथ मौर्य को पुष्यमित्र शुंग (ब्राह्मण जाति का) द्वारा मारने से पहले तक भारत में "मातृसत्तात्मक व्यवस्था" थी।
"मातृसत्तात्मक व्यवस्था" में स्त्री पूरी तरह से हर काम के लिए स्वतंत्र थी।
"मातृसत्तात्मक व्यवस्था" समानता की व्यवस्था थी।
"मातृसत्तात्मक व्यवस्था" में ऊंच-नीच, जात-पात, वर्णव्यवस्था नही थी।
"मातृसत्तात्मक व्यवस्था" में स्त्री ही प्रमुख होती थी।
"मातृसत्तात्मक व्यवस्था" में स्त्रियों पर किसी भी प्रकार का जुल्म, अत्याचार नही होता था।

भारत मे पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण पुरुष ने भारत के आखरी मूलनिवासी सम्राट बृहद्रथ मौर्य को धोखे से मारने के बाद जबरन भारत से हिंसा के जरिये ब्राह्मण पुरुषों ने भारत की "मातृसत्तात्मक व्यवस्था" को खत्म कर भारत में जबरन हिंसा के जरिये पूरे भारतीय मूलनिवासी लोगों (भारतीय मूलनिवासी की सभी स्त्रियों और पुरुषों को) को हमेशा-हमेशा के लिए हर प्रकार से गुलाम बनाने के लिए ब्राह्मण पुरुषों ने भारत में "पितृसत्तात्मक व्यवस्था" स्थापित की। ब्राह्मण पुरुषों ने ही "पितृसत्तात्मक व्यवस्था" बनाई। ब्राह्मण पुरुषों की "पितृसत्तात्मक व्यवस्था" ऊंच-नीच, वर्ण-व्यवस्था, गैरबराबरी, भेद-भाव, जात-पात, असमानता की व्यवस्था है।

आज वर्तमान में भारतीय मूलनिवासी लोगों के हर प्रकार की गुलामी का सबसे बड़ा कारण ब्राह्मण पुरुष हैं और ब्राह्मण पुरुषों द्वारा बनाई गई "पितृसत्तात्मक व्यवस्था" है।
वर्तमान में भारत में ब्राह्मण पुरुषों द्वारा ""भारतीय मूलनिवासी की सभी स्त्रियां और पुरुष"" हर प्रकार से जबरन गुलाम बनाये जा चुके हैं। सभी भारतीय मूलनिवासी स्त्रियों और पुरुषों को हर प्रकार से हर प्रकार की गुलामी से आजादी पाने के लिए """ब्राह्मण पुरुषों को और ब्राह्मण पुरुषों के ब्राह्मणवाद, पितृसत्तात्मक व्यवस्था, पाखण्डवाद, वर्ण-व्यवस्था, जात-पात, ऊंच-नीच, भेद-भाव, गैरबराबरी, असमानता""" को किसी भी परिस्थिति में भारत से हमेशा-हमेशा के लिए भगाना ही होगा और दूसरा कोई रास्ता नही है।

आज वर्तमान भारत में सभी भारतीय मूलनिवासी "स्त्रियां" हर प्रकार से गुलाम ब्राह्मण पुरुषों के द्वारा बनाई गई हैं। खास कर स्त्रियों को गुलाम इसलिए बनाया गया क्योंकि अगर किसी भी घर को हर प्रकार से गुलाम बनाना हो तो उसके घर की सभी स्त्रियों को धार्मिक कर्म-कांडो में धकेल दो तो उस घर की 10 पीढियां तुम्हारी (ब्राह्मण पुरुषों की) गुलामी करेंगी ये सोच ब्राह्मण पुरुषों की है।

आज वर्तमान में ब्राह्मण पुरुषों के द्वारा भारतीय स्त्रियां मानसिक और शारीरिक रूप से गुलाम बनाई जा चुकी हैं।
जैसे:-
1) काल्पनिक भगवानो की पूजा-पाठ करना।
2) ब्राह्मण पुरुषों को अपना गुरु, देवता मानना।
3) भारतीय स्त्रियों द्वारा अपने गले, हाथ, पैर, कमर में काला, लाल, पिला धागा बांधना।
4) छींक को अशुभ मानना।

भारत में भारतीय मूलनिवासी स्त्रियों को और भारतीय मूलनिवासी पुरुषों को """ब्राह्मण पुरुषों""" के खिलाफ खड़ा होना ही होगा और ब्राह्मण पुरुषों को भारत से हमेशा-हमेशा के लिए भगाना होगा और दूसरा कोई रास्ता नही है।

Jay mulnivasi 

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