मान्यवर कांशीराम जी, डी के खापर्डे साहब, मा दीनाभाना साहब का संघर्ष आज यहां तक पहुंचा।

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मान्यवर कांशीराम जी, डी के खापर्डे साहब, मा दीनाभाना साहब का संघर्ष आज यहां तक पहुंचा.

जब पहला राष्ट्रीय अधिवेशन लिया था तब एक टेबल और एक खुरशी और कार्यक्रता को बैठ ने के लिए दरी (चटाई/Mat) थी. आज विशाल पंडाल बना ने के लिए हो आधुनिक मशीनों का उपयोग हो रहा है. मान्यवर कांशीराम जी के वक्त 13राज्यों में बामसेफ फेला हुआ था आज मा वामन मेश्राम साहब जी के नेतृत्व में 32राज्यों में,567 जिलों में,160 लाख गांव में बामसेफ फेला हुआ है.कुछ हो नही सकता ऐसी मान्यता वाले लोगो में हम कर सकते है नही हम बहोत कुछ कर सकते है और आने वाले 2030 तक ढाई लाख गांव तक हमारा संगठन की विचार धारा पहोचेंगी.चलो नागपुर 
जय मूलनिवासी 

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