शक्ति ही आपकी परिचायक है, शक्तिवान बनिए, दुर्बलता एक श्राप है।

0
अगर इस जगह कुत्ता पानी पी रहा होता, तो एक भी गाड़ी रुकना तो दूर, निकलते समय शीशा खोलकर भी कुत्ते को धमकाते हुए चलते, गाय पानी पी रही होती, तो भी सभी गाड़ियाँ करुणा भाव में नही रुकती, साइड से निकाल लेते.

लेकिन जब शेर पानी पीता है तो 1000 गाड़ियाँ भी रुकेंगी, और किसी की मजाल है कि, चाहे एक घंटा हो जाए, कोई हॉर्न बजा दे, सभी धीमी सांसे लेते हुए, ये देखेंगे कि गाड़ी लॉक तो है, और ये सोचेंगे कि बस शेर पानी पीकर चला जाए, हमारी तरफ़ ना आए.

भावार्थ ये है कि, शक्ति ही आपकी परिचायक है, शक्तिवान बनिए, 
दुर्बलता एक श्राप है।
ये मत सोचो में अकेली 
में अकेली ही काफी हु.
"फर्क"  बस  "नजरिए"  का है।
काफ़ी  "अकेली हूं" या
"अकेली  ही"  काफ़ी हूं !!!👸🏻
जय मूलनिवासी 

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top