मेरा ख़्वाब एक ऐसा मुआशरा बनाना है जहाँ कोई दूसरे को जीतने के लिए धक्के दे ( धकेले )

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फिनिश लाइन से चंद फीट की दूरी पर किनिया के एथलीट अब्दुल मति रेस में सबसे आगे चल रहे थे कि अचानक उन्हें लगा कि वो फिनिश लाइन पर पहुँच गए हैं और वो वहीं रुक गए!
उनके ठीक पीछे स्पेन के एथलिट इवान फर्नांडीज़ चल रहे थे जब उन्होंने देखा कि किनिया की अब्दुल मति गलतफहमी से फिनिश लाइन से पहले रूक गए तो उन्होंने पीछे से चिल्ला का कहा भागो अभी फिनिश लाइन पार नहीं हुई है!
लेकिन अब्दुल मति उनकी भाषा समझ न पाए यह इवान फर्नांडीज़ के लिए आगे निकलने का बेहतरीन मौका था और रेस जीत सकते थे!
 
लेकिन उसने अजीब फ़ैसला किया  उसने अब्दुल मति को धक्का देकर फिनिश लाइन पार करा दिया!

दर्शक देख कर दंग रह गए इवान फर्नांडीज़ हार कर भी हीरो बन गए!

.जब इवान से पत्रकार ने पूछा के उन्होंने ऐसा क्यों किया ? 

इवान ने कितना खूबसूरत जवाब दिया!

मेरा ख़्वाब एक ऐसा मुआशरा बनाना है जहाँ कोई दूसरे को जीतने के लिए धक्के दे ( धकेले ) 

पत्रकार ने फिर सवाल किया आपने किनिया के खिलाड़ी को क्यों जितने दिया ?

इवान ने कहा मैं ने उसे जीतने नहीं दिया वो ख़ुद अपने ज़ोर पर रेस जीत रहा था!

पत्रकार ने फिर पूछा लेकिन आप रेस जीत सकते थे ?

इवान ने उसकी तरफ़ देखते हुए कहा इस जीत की क्या खूबी होती ? इस पदक का क्या सम्मान होता ?  मेरा देश मेरे बारे क्या सोचता ? 

 हम ग़लत तरीके से तरक़्क़ी कर के ऊपर उठ सकते हैं लेकिन दुनियां की नज़रों में आप को बदनामी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा!

काॅपी
Golden words

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