संत गाडगे बाबा: अंधश्रद्धा के खिलाफ क्रांति और स्वच्छता के जनक

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संत गाडगे बाबा: अंधश्रद्धा के खिलाफ क्रांति और स्वच्छता के जनक
संत गाडगे बाबा: अंधश्रद्धा के खिलाफ क्रांति और स्वच्छता के जनक

संत गाडगे बाबा: समाज सुधारक और स्वच्छता के प्रेरक

20 दिसंबर को हम संत गाडगे बाबा की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हैं। उनका जीवन मानवता, स्वच्छता, और समता जैसे महान मूल्यों को समर्पित था।

अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ाई

संत गाडगे बाबा ने कहा, "जो अपने घर में उजाला नहीं कर सकता, वह आपके जीवन में उजाला कैसे लाएगा?" यह विचार अंधश्रद्धा के खिलाफ एक विज्ञानवादी दृष्टिकोण को उजागर करता है। बाबा ने हमेशा विज्ञान और तर्क पर जोर दिया।

समाज में स्वच्छता का संदेश

संत गाडगे बाबा को स्वच्छता अभियान का जनक कहा जाता है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में सफाई का महत्व समझाया और लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित किया।

"स्वच्छता, मानवता और शिक्षा के बिना समाज का विकास संभव नहीं है।" - संत गाडगे बाबा

समता, स्वतंत्रता और बंधुता का प्रचार

संत गाडगे बाबा ने समता, स्वतंत्रता, बंधुता और न्याय पर आधारित समाज का सपना देखा। वे दलित और वंचित वर्ग के लिए प्रेरणा के स्रोत थे।

आज का सन्देश

संत गाडगे बाबा के विचार आज भी आधुनिक समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणादायक हैं। उनकी शिक्षाओं को अपनाकर हम सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।

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