नेताओं ने देश की पार्लियामेंट को नौटंकी का अड्डा बना दिया
वन नेशन, वन इलेक्शन: मुद्दों से ध्यान हटाने की साजिश
देश की पार्लियामेंट आजकल "वन नेशन, वन इलेक्शन" जैसे मुद्दों पर बहस करती नजर आ रही है। इस बहस का मुख्य उद्देश्य असल मुद्दों से देशवासियों का ध्यान भटकाना है। जिस तरह प्राइमरी के बच्चे पेन-पेंसिल को लेकर झगड़ते हैं, उसी तरह हमारे नेता संसद में धक्का-मुक्की और शोर-शराबा कर देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था को नौटंकी का अड्डा बना रहे हैं।राहुल गांधी संविधान बचाने की ढोंग कर रहे हैं। यह हैरानी की बात है कि तत्कालीन समय में जिन लोगों ने संविधान और संविधान निर्माता की हत्या करवाने का काम किया हो वह कांग्रेस पार्टी आज की तारीख में संविधान बचाने की बात कर रहा है, क्या यह नौटंकी नहीं है?
संविधान बचाने का ढोंग या सच्चाई?
प्रवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस संविधान बचाने की बात कर रही है। लेकिन क्या यह विडंबना नहीं है कि जिन्होंने कभी संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की हत्या की जांच को दबाया, वही आज संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं? डीआईजी सक्सेना रिपोर्ट, जो डॉ. अंबेडकर की हत्या की जांच के लिए बनाई गई थी, लेकिन कांग्रेसियों ने आज तक संसद की पटल पर नहीं रखा और वही लोग बाबासाहब के संविधान को बचाने की बात करते हैं। भारत के इतिहास में पहली बार कोई ऐसा मुद्दा आया है जो राज्यसभा के सभापति को पद से हटाने के लिए देश के चुने हुए सांसद जो विपक्ष में बैठे कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए प्रस्ताव लाया जो अभी तक कभी नहीं हुआ। यहां इतनी ज्यादा पक्षपाती रवैया देने को मिल रहा है कि अपनी बात रखने नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं आज की तारीख में संसद में तमाम प्रकार के असंवैधानिक काम हो रहे हैं जिसका देश की जनता से कोई लेना-देना ही नहीं है। इसके साथ ही पाखंडवाद पर नये-नये कानून बनाये जा रहा है जिस पर सभापति घंटों समय देते हैं। लेकिन मुख्य मुद्दों पर अपनी बात तक नहीं देखने दिया जा रहा है।
राज्यसभा में पक्षपात और असंवैधानिक फैसले
इतिहास में पहली बार, विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को हटाने का प्रस्ताव लाया। लेकिन यहां भी पक्षपाती रवैया अपनाते हुए विपक्ष की आवाज दबाई गई। संसद में केवल प्रोपेगेंडा और असंवैधानिक कार्य हो रहे हैं। मुख्य मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय, नए-नए पाखंडवाद कानून बनाए जा रहे हैं।
गुंडा राज: लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती
प्रवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि एक समय कांग्रेस ने गुंडों को पाला, और अब बीजेपी भी उसी राह पर है। सरकारी गुंडे-बदमाश आज लोकतंत्र को कुचल रहे हैं। आम जनता के मताधिकार को छीनने का काम सीधे सरकार के इशारों पर हो रहा है।
लोकतंत्र और संविधान के लिए चुनौतियां
- गुंडागर्दी पर रोक लगाना
- संसदीय प्रक्रियाओं का सही पालन
- संविधान की रक्षा
- जनता के असली मुद्दों पर चर्चा
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