अनुशासन और शक्ति के बगैर दुनिया में कोई भी बड़ा परिवर्तन करना सम्भव नहीं है!
मा.वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ, नई दिल्ली)
बामसेफ के 35वें राष्ट्रीय अधिवेशन, नागपुर में पूरे देश एवं विदेशों से पथारे कार्यकर्ता, प्रतिनिधियों का हार्दिक अभिनंदन तथा 35वें राष्ट्रीय अधिवेशन की प्रस्तावना रखते हुए मा. वामन मेश्राम, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ, नई दिल्ली ने कहा कि इस अधिवेशन के स उद्घाटन सत्र का हम लोग शुरूआत करने जा रहे हैं। हालांकि घोषित समय-सारणी के अनुसार हमलोग एक घंटे विलम्ब हैं। चूँकि अधिवेशन का पहला दिन होने की वजह से बहुत सारी तैयारियों तथा डेलीगेट, कार्यकर्ताओं के विलंब से पहुँचने के कारण ऐसा प्रत्येक वर्ष हो जाता है, लेकिन आज पूरे दिन के सत्र में हमलोग उस समय को नियमित करेंगे, ताकि कल से प्रत्येक सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से और निर्धारित समय तक सुचारू ढंग से पाँचों दिन चलाया जा सके।
प्रस्तावना में आपने आगे कहा कि इस राष्ट्रीय अधिवेशन में क भारत के 31 राज्यों से आये हुए सभी डेलीगेट्स/कार्यकर्ता साथियों स को कहना चाहता हूँ कि हर साल की तरह यह अधिवेशन भी लगातार पाँच दिनों तक चलेगा। इस अधिवेशन के लिए साठ एकड़ र जमीन में टीन-पत्र की बाउण्ड्री वाल बनायी गई है। जिसमें कांफ्रेंस ले हॉल, आवासीय पंडाल, शौचालय एवं स्नानागार आदि की सुविधाएँ क निर्माण की गयी हैं। उत्तर भारत के मुकाबले में यहाँ (नागपुर) में ठंडक कम है। चूँकि यह अधिवेशन खुले मैदान में होने की वजह से कुछ ठंढ़ हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखकर ही हमलोगों ने आवासीय पंडाल में जमीन पर बिछाने के लिए पुआल की व्यवस्था मे की है, ताकि नीचे से ठंडक ऊपर ना आये। वैसे तो पूर्व के अधिवेशनों ब के मुकाबले में इस अधिवेशन में बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करने की कोशिश की गयी है। साथ ही इतनी बड़ी संख्या में आए हुए लोग एक ही घंटे में भोजन कर लें, इसके लिए ज्यादा संख्या में डाईनिंग हॉल बनाये गये हैं। ताकि ज्यादा-से-ज्यादा लोग एक साथ भोजन करके कम-से-कम समय में कांफ्रेंस हॉल में वापस आ सकें, जिससे कि समयानुसार सभी सत्रों का संचालन किया जा सके।
आपने बताया कि मूलनिवासी पब्लिकेशन ट्रस्ट की किताबों के अलावा पूरे देशभर से आये किताबों के स्टॉल बड़ी संख्या में इस अधिवेशन में आये हुए हैं, उन लोगों की किताबों को भी डेलीगेटहूँ धर्म खरीद कर पढ़ सकते हैं। जानकारी एवं ज्ञान हासिल कर सकते हैं। बुक स्टॉल्स के लिए करीब 75 काउन्टर खोले गये हैं। इसके साथ ही समस्त डेलीगेट, कार्यकर्ताओं के लिए कम्प्यूटर रजिस्ट्रेशन की सुविधा की व्यवस्था की गयी है, जो पूरी डाटा के साथ डेलीगेट पास गले में पहनने के लिए बना कर दी जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि कोई भी अवांछनीय आदमी अधिवेशन के कंपाउन्ड के भीतर नहीं आना चाहिए, क्योंकि ऐसे किसी भी आदमी को जो हमारे मूलनिवासी बहुजन समाज का नहीं है, उसको अंदर आने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा भी यदि कोई व्यक्ति आना भी चाहता है तो अनुमति लेकर ही अन्दर आ सकता है।
साथ ही नागपुर अथवा स्थानीय जो लोग अधिवेशन में उपस्थित होना चाहते हैं, उनके लिए लोकल डेलीगेट/कार्यकर्ता को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इस बात का ख्याल रखा गया है। परंतु हम सभी लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस देश में हमलोग व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते हैं, इसके लिए हमलोग राष्ट्रव्यापी संगठन बना रहे हैं, तो परिवर्तन की चाह रखने वाले लोगों को ध्यान रखना है कि, सुविधाजनक स्थिति में रहकर परिवर्तन का लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं है। अभी तक के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि सुविधा भोगी लोग कोई बड़े परिवर्तन का कार्य नहीं कर सकते हैं। इसलिए कुछ दिक्कतें हम लोगों को बर्दाश्त करनी होगी। इसलिए मैं आशा करता हूँ कि जैसे हर साल हमलोग अधिवेशन में छोटी-मोटी दिक्कतों का मुकाबला करके अधिवेशनों को सफल बनाते आ रहे हैं। उसी प्रकार से इस विशालतम अधिवेशन को भी सफल बनाने का काम करेंगे। साथ ही यहाँ बहुत से हमारे पुराने डेलीगेट साथी आये हुए हैं, तथा विदेशों से भी तमाम डेलीगेट साथी आये हुए हैं। जैसे कि अमेरिका, गल्फ देशों से, यूरोपियन देशों से भी लोग यहाँ आये हुए हैं। हम लोगों ने सारे देशभर में जो परिवर्तन-यात्राएँ चलाये हैं, उसकी वजह से बहुत से नये लोगों के भी आने की संभावनाएँ हैं। ऐसे सभी लोगों को इस अधिवेशन में आने के लिए दुबारा से धन्यबाद देता हूँ और उनका स्वागत करता हूँ। साथ ही कुछ हिदायतें भी मैं आप सभी लोगों को देना चाहता हूँ कि तीन दिन तक बामसेफ का अधिवेशन चलेगा और दो दिन - भारत मुक्ति मोर्चा का अधिवेशन चलेगा। इस अधिवेशन के पहले दिन के उद्घाटन सत्र के बाद दोपहर का सत्र होगा और शाम का वि सत्र होगा। इस प्रकार पाँच दिन के इस अधिवेशन में कुल उन्नीस उ सत्र चलेंगे। इन उन्नीस सत्रों में कई विषय चर्चा करने के लिए रखे दृ गये हैं। इसके लिए मैं आये हुए सभी डेलीगेट साथियों से विशेष अनुरोध करना चाहता हूँ कि अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग विषयों पर जो विस्तार से जानकारी दी जायेगी, उस जानकारी को शांति पूर्वक और ध्यान से ग्रहण करना होगा। इसके साथ-साथ नोटिंग करने के लिए आप सभी को कागज दिए गये हैं, उस पर अथवा आप लोग अपनी डायरी पर नोटिंग कर सकते हैं, क्योंकि पाँच दिनों तक चलनेवाला यह अधिवेशन बौद्धिक है और एक प्रकार का प्रशिक्षण भी है। क्योंकि देश में वर्तमान में जो सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियाँ चल रही हैं, देश में लगातार परिस्थितियाँ बदल रही हैं, उन बदल रही या बदली हुई परिस्थितियों के बारे में आप सब लोगों को सही-सही जानकारी होनी चाहिए। सही जानकारी होने से, और सही जानकारी ग्रहण करने से, और सही जानकारी समझने से, आप लोगों से अपने क्षेत्रों में काम करने के दौरान जो कई प्रकार के जो सवाल पूछे जाते हैं, उन सवालों का ठीक-ठीक जवाब देना सुलभ हो सकेगा।
यहाँ जो जानकारी आप लोगों को दी जायेंगी, वो क्षेत्र में पूछे जानेवाले सवालों का जवाब देने के लिए बेहद उपयुक्त होंगी। इसलिए यहाँ दी जानेवाली हर जानकारी को शांतिपूर्ण और ध्यानपूर्वक ग्रहण करनी होगी। इससे आप सबको विषयान्तर्गत सटीक जानकारी मिलेगी, दूरदर्शी दृष्टिकोण मिलेगा, जिससे कि देश में हो रही या होनेवाली घटनाओं को किस प्रकार से देखना है, इसे अच्छी तरह से समझना होगा। इस तरह मैं उम्मीद करता हूँ कि यह अधिवेशन एक प्रकार बौद्धिक और एक प्रकार का प्रशिक्षण है, इससे आप लोगों को बहुत ज्यादा सीखने और समझने को मिलेगा। इसके अलावा यहाँ देश भर से जो वालेन्टियर्स बुलाये गये हैं, जिसमें कुछ ड्रेसवाले और कुछ सिविल ड्रेस वाले वालन्टियर्स हैं। इस अधिवेशन के लिए जो भी व्यवस्थाएँ की गयी हैं, उसके लिए अनुशासन बनाये रखने के लिए उन वालन्टियर्स को जिम्मेदारी दी गयी है। इसलिए आप सभी लोगों से अनुरोध है कि आप सभी लोग यहाँ अनुशासित तरीके से रहें तथा अनुशासन बनाये रखने के लिए जो वालिन्टयर्स लगाये गये हैं, उनके हिदायतों को भी आप लोग मानें। क्योंकि उनको (वालेन्टियर्स को) इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है। अगर किसी साथी को किसी प्रकार की कोई दिक्कतें आती है तो वालन्टियर्स की मदद ले सकते हैं।
आगे आपने बताया कि इस अधिवेशन में पाँच दिनों के लिए सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था की गयी है। जिसमें एक सुरक्षा पुलिस की है, प्राईवेट सुरक्षा व्यवस्था है और प्राईवेट गनमैन भी रखे गये हैं। इसके अलावा संगठन के जो वालन्टियर्स हैं वो भी सुरक्षा के लिए ही लगाये गये हैं। आपने बताया कि हर एक के गले में जो आईडी कार्ड लटकाने के लिए दिये गये हैं, वह भी सुरक्षा की ही दृष्टि से है। रात में संगठन के कार्यकर्ताओं को दो-दो घंटे की जिम्मेदारी लगाई गयी है, ताकि रात में सुरक्षा से संबंधित किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।
साथ ही अधिवेशन ग्राउण्ड के हर चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा लगाये गये हैं, जिससे कि सुरक्षा व्यवस्था को बिल्कुल चाक-चौबंद रखा जा सके। इस प्रकार अधिवेशन में सुरक्षा व्यवस्था 5 को लेकर खास खबरदारी ली गयी है और इसी के तहत सात लेयर की सुरक्षा व्यवस्था बनायी गई है, इसको योजनाबद्ध तरीके से और प्लान बनाकर किया गया है। इसके अलावा भी रात में सायरन वाली गाड़ी पूरे कम्पाउण्ड में चक्कर लगाती रहेगी, जिससे कि जो बैड एलिमेंट यानि (अपराधिक तत्व) के लोग हैं। उनको यह मालूम हो कि हम सोये नहीं हैं, बल्कि जागृत और सतर्क लोग हैं।
देश और विदेश से आये हमारे डेलीगेट्स/कार्यकर्ताओं को रात में आराम करने में कोई बाधा ना पहुँचे। इसके अलावा अधिवेशन = में आये हुए सभी डेलीगेट साथियों जिनकी सुरक्षा की जिम्मदारी लगायी गयी है, उनको छोड़कर) को रात में ग्यारह से लेकर बारह बजे तक सो जाना चाहिए। जिससे कि सुबह जल्दी उठकर अधिवेशन - के लिए तैयार होकर समय पर कांफ्रेंस हॉल में उपस्थित हो सकें। - क्योंकि आप सबको यह ध्यान रखना है कि सुबह नौ बजे तक ही नास्ता, चाय मिलेगा और नौ बजे के बाद चाय-नास्ता नहीं मिलेगा। - इसलिए प्रातः समय से जागकर तैयार होना होगा।
आपने बताया कि रोजाना सुबह नौ बजे से लेकर ग्यारह बजे - तक प्रतिनिधि सत्र चलेगा। इस प्रतिनिधि सत्र में संगठन के संदर्भमें विषय दिया हुआ है, इसमें देश भर से आये हुए हमारे जो डेलीगेट हैं, उनको निर्धारित विषय पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। इस प्रकार से आप सबकी जानकारी के लिए आज से लेकर पाँच दिन तक चलने वाले अधिवेशन की रूप रेखा के बारे में जानकारी दी गई। अधिवेशन में नये डेलीगेट के तौर पर आये हुए लोगों को विशेष तौर पर अनुरोध करते हुए आपने कहा कि यहाँ पर विशेष तौर अनुशासन का ध्यान रखना होगा, क्योंकि हम लोग अनुशासन को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। क्योंकि अनुशासन के बगैर संगठन में ताकत और शक्ति का निर्माण नहीं हो सकता है, और शक्ति के बगैर पूरी दुनिया में कहीं पर भी कोई भी बड़ा परिवर्तन न तो हुआ है, और ना ही होनेवाला है। अर्थात अनुशासन के बगैर कोई भी संगठन बड़ा और शक्तिशाली नहीं बन सकता है और ना बड़ा परिवर्तन हो सकता है। इसलिए जो नये लोग हैं, जिनको अभी पूरी जानकारी नहीं है, वो लोग विशेष तौर पर अनुशासन का ध्यान रखें। प्रस्तावना में उक्त दिशा-निर्देश देते हुए आपने अपनी बात समाप्त की।
!!जय मूलनिवासी !!