'जिस कौम को यह भी नहीं मालूम कि घर का कचरा कहाँ फेंकना है.वो सही प्रतिनिधि कैसे चुनेगी?'निशा मेश्राम का संदेश

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वह कौम जो कचरा भी नहीं जानती समेटना — निशा मेश्राम का संदेश | NAYAK 1 NEWS
वोट का अधिकार "राजा चुन ने का नहीं राजा बन ने का अधिकार है."
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प्रकाशित: 30 नवम्बर 2025
🔴 FEATURE: निशा मेश्राम का तेज़ संदेश — 'किसे वोट देंगे वह वही तय करेगा जो पहले अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझे'

बहुजन मुक्ति पार्टी,न्यू दिल्ली की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष निशा मेश्राम ने स्पष्ट शब्दों में कहा — “जिस कौम को घर का कचरा कहाँ फेंकना है यह भी नहीं मालूम, वह कैसे सही प्रतिनिधि का चुनाव करेगी?” उनके यह विचार जनजागरूकता और परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर देते हैं।

मुख्य संदेश — शिक्षा, जागृति और सत्तात्मक भागीदारी

निशा मेश्राम ने संचालक महोदय का धन्यवाद करते हुए सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि समाज को भारी वोटों से जीत दिलाकर सत्तापथ पर लाना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग सत्ताधारी हैं उन्होंने सदियों से हमारे लोगों का शोषण और उत्पीड़न किया है।

“अगर एक कौम को यह भी नहीं मालूम कि घर का कचरा कहाँ फेंकना है, तो वह सही तरीके से वोट कैसे डाल पाएगी?”

मेश्राम का आह्वान — जागो, समझो और परिवर्तन दो

मेश्राम ने कहा कि जागृति का दीपक जलाना उनका उद्देश्य है — लोगों को समझाना कि परिवर्तन चाहते हो तो संगठित होकर कार्य करो। शासक बनने पर उनकी कोई समस्या नहीं रहती, समस्या उन्हीं की है जो सत्ता से दूर खड़े रहते हैं।

“समस्या हमारी है क्योंकि हम सत्ता पर नहीं हैं। अगर सत्ता पाना है तो अपने स्वयं के उम्मीदवारों को भारी वोटों से जीताओ।” — निशा मेश्राम

जागृति का दीपक और परिवर्तन का आह्वान

मेश्राम ने कहा कि उन्होंने जागृति और परिवर्तन का दीपक जलाया है। लोगों को समझाना होगा कि परिवर्तन चाहते हो तो संगठित बनो। शासक बनने पर उन लोगों की कोई समस्या नहीं रहती; समस्या उन लोगों की होती है जो सत्ता से दूर रहते हैं।

“यदि सत्ता पर आना है तो हमारे पांचों प्रतिनधि यहाँ हैं — उन्हें भारी वोटों से जितवाओ और अपना आशीर्वाद दो।”

स्थानीय नेतृत्व और वोटिंग जागरूकता

निशा मेश्राम ने कहा कि समुदायों को अपने स्थानीय नेताओं को पहचानना और उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। मतदान केवल कर्तव्य नहीं बल्कि अधिकार है। यदि हम अपने प्रतिनिधियों को नहीं चुनते, तो हमारी समस्याएँ बनी रहेंगी।

कदम क्या उठाएं? — रणनीतिक सुझाव

निशा मेश्राम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर नेतृत्व तैयार करें, सर्वे कर समझ बढ़ाएँ, और ऐसे प्रत्याशियों को आगे लाएँ जो समुदाय के वास्तविक मुद्दों पर काम कर सकें। मतदान को केवल अनुष्ठान न समझें — यह अधिकार और दायित्व है।

"राजा चुन ने का नहीं राजा बन ने का अधिकार है."
Quick Points
  • प्रमुख वक्ता: निशा मेश्राम — राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बहुजन मुक्ति पार्टी (न्यू दिल्ली)
  • मुद्दा: मतदान की जागरूकता और प्रतिनिधि चयन
  • मुख्य विचार: शिक्षा, जागृति और सत्तात्मक भागीदारी

समाप्ति और आशीर्वाद

अंत में निशा मेश्राम ने सभी को आशीर्वाद दिया और कहा— “आप सभी भारी वोटों से जीत कर आएं। जय भीम, जय मूलनिवासी।”

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जय मूलनिवासी
NAYAK 1 NEWS
बदलापुर
प्रकाशित: 30 नवम्बर 2025

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