Contempt of judiciary case and sentence of Advocate Prashant Bhushan Mr.Waman Meshram Sahab (National President-BAMCEF, New Delhi)

1

 न्यायपालिका की अवमानना का केस और  Advocate प्रशांत भूषण की सजा 

मा.वामन मेश्राम  साहब(राष्ट्रीयअध्यक्ष-बामसेफ, नई दिल्ली)


Post a Comment

1 Comments
  1. जो न्यायाधीश संविधान विरोधी आर्टिकल 19 अभिव्यक्ति की आजादी के विरुद्ध निर्णय देता है ऐसे जजों पर यदि न्यायिक प्रक्रिया में संभव हो तो महाभियोग लगाकर बेदखल करके कड़ी सजा देनी चाहिए

    ReplyDelete
Post a Comment
To Top