अच्छी बीमारियों की भी आदते लगानी चाहिए !वामन मेश्राम साहब IINAYAK1 II
आज़ादी के लिए हम लोगोको किमत चुकाने के लिए तैयार करना चाहते है क्युके हम ऐसा मानते है किंमत चूकाए बगैर परिवर्तन संभव नहीं है आज़ादी तो बिलकुल संभव नहीं है.एक रूपे मै आज़ादी का कार्यक्रम महिलाओ के संगठन बनाने के लिए यह कार्यक्रम है.जैसे बीमारी फैलती है वैसे यह फ़ैल जाए और सारे देश भर में एक रुपे में आज़ादी की बीमारी फ़ैल जाए.यह भी एक बीमारी की तरह फ़ैल जाए.