किसानों का भारत बंद : सरकार से जारी है जंग, 31 राज्यों की सड़कें जाम
दिल्ली से बंगाल तक किसानों के भारत बंद का असर, चारों तरफ पसरा सन्नाटा
सरकार के कृषि बिल के खिलाफ किसानों का भारत बंद पूरे देश में चल रहा है. किसान पिछले 12 दिनों से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं और उनका सरकार के खिलाफ हल्लाबोल जारी है. लिहाजा भारत बंद का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सरकार के खिलाफ किसानों का रोष देखने को मिल रहा है. देश के अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही हैं. ये तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि देश के 31 राज्यों की सड़कें पूरी तरह से विरान नजर आ रही हैं. सड़कों पर केवल आंदोलनकारी ही नजर आ रहे हैं. आवागमन ठप है, वाहनों के पहिए थम चुके हैं. कही लोगों ने चक्का जाम किया है तो कई ट्रेनें रोकी गईं. दिल्ली से बंगाल तक केवल किसानों की गूंज सुनाई दे रही है. इस विशाल आंदोलन से सरकार पूरी तरह से डरी सी नजर आ रही है. इसलिए आंदोलन को विफल करने के लिए एक तरफ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है तो दूसरी तरफ गोदी मीडिया का सहारा ले रही है. इसके बाद भी सरकार किसानों की बुलंद आवाज को दबा न सकी. इस भारत में बंद में हजारों किसान संगठनों के साथ भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा सहित बामसेफ के सभी ऑफसूट संगठनों ने न केवल समर्थन दिया है, बल्कि देश के 31 राज्यों के 550 जिलों में भारत बंद भी किया है.
ग्वालियर से पलवल बॉर्डर पहुँचा
किसानों का जत्था, हाईवे के आने जाने के दोनों रास्ते किये सील
ग्वालियर से
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में भाग लेने रवाना हुआ ग्वालियर चंबल के किसानों
का जत्था पलवल बॉर्डर पर पहुँच कर पहले जत्थे के साथ मिल गया. उसके बाद
किसानों के दोनों जत्थों ने मिलकर पलवल हाइवे बॉर्डर के आने और जाने वाले दोनों
मार्गों को पूरी तरह सील कर दिया. बताया जा रहा है कि यही एक बॉर्डर बचा था जो सील
नही हुआ था बाकी 3 बॉर्डर पहले से सील थे जिसे ग्वालियर संभाग से गये
किसानों ने इसे भी सील कर दिया. इस बॉडर्र के सील होते ही अब दिल्ली पूरी तरीके से
चोक हो गई है, निकलने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बचा है. पहला जत्था
एक तरफ जाम करके धरने पर बैठा हुआ था अब दूसरी साइड जाम करके दूसरा जत्था भी बैठ
गया है. हालांकि, दूसरे जत्थे को भी पुलिस प्रशासन द्वारा रोकने की
बहुत कोशिश की गई, पर वो वेरीकेड्स तोड़ते हुए पहला जत्था जो पलवल बॉर्डर
पर बैठा हुआ था वहां तक पहूंच गए. स्थानीय किसान महिलाएं भी आंदोलन में आकर आंदोलन
का समर्थन कर रही हैं एवं नारेबाजी कर रही हैं.
नेशनल हाइवे
24 जाम, गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस-वे पर धरना
किसान आंदोलन का 13वां दिन है. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे
लाखों किसान भारत बंद में शामिल हुए. किसान नेताओं ने कहा है कि बंद पूरे दिन
रहेगा. चक्का जाम सिर्फ दोपहर 3 बजे तक
होगा. ये एक शांतिपूर्ण बंद होगा. तीन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर
पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर तैनाती बढ़ा दी है और सुरक्षा के
पुख्ता इंतजाम किए हैं. पुलिस लगातार सोशल मीडिया के जरिए यात्रियों को रास्तों को
लेकर अपडेट दे रही है. सिंघु, झरोडा और
टिकरी बॉर्डर पूरी तरह से बंद हैं.
अवार्ड वापस
करने पहुंचे पूर्व खिलाड़ी, पुलिस ने
रास्ते में रोका
की राजधानी
में जुटे किसानों के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है. सामाजिक और राजनीतिक हलकों से तो
किसान आंदोलन के लिए आवाजें उठ ही रही हैं, साहित्य और मनोरंजन जगत की हस्तियां भी पक्ष में आ गई हैं. एथलीट्स भी
किसानों के साथ खड़े हो गए हैं. रविवार को जहां बॉक्सर विजेंदर सिंह ने नए कृषि
कानूनों को वापस न लिए जाने पर राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान लौटाने की धमकी दी थी.
भारत बंद से एक दिन पहले सोमवार को 30 खिलाड़ी अपने-अपने अवॉर्ड लौटाने राष्ट्रपति भवन के लिए कूच कर गए. लेकिन, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया.
भारत बंद
में शामिल भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार
भारत बंद में शामिल भारत मुक्ति
मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को यूपी पुलिस
ने किया गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, हजारों की संख्या में थानों पर पहुंचे कार्यकर्ताओं के हंगामें के बाद कुछ
जगह कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया. बाकी कुछ थानों पर शाम तक प्रदर्शन जारी
रहा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान विरोधी बिल के विरोध में किसानों का समर्थन
करने के कारण जहां यूपी के कौशांबी जिले के थाना कोखराज में बहुजन क्रांति मोर्चा
के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया तो वहीं बलिया में राष्ट्रीय किसान मोर्चा
के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद राष्ट्रीय किसान
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामसुरेश वर्मा के नेतृत्व में जिलाधिकारी के
प्रतिनिधि के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन प्रेषित किया गया एवं गिरफ्तार
लोगो को पुलिस लाइन बलिया में जाकर रिहा कराया गया. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ही
अम्बेडकरनगर में कार्यकार्ताओं को पुलिसन ने गिरफ्तार कर लिया.
सूत्रों मुताबिक, सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानून के विरोध में देश
के किसानों द्वारा चलाए आन्दोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए जनपद अम्बेडकरनगर के
टाण्डा विधानसभा में राष्ट्रीय किसान मोर्चा एवं बहुजन मुक्ति पार्टी ने अपना
भरपूर समर्थन दिया और अन्नदाताओं द्वारा बुलाए गए भारत-बन्द को मजबूती प्रदान करने
के लिए टाण्डा बसखारी स्थित एनएच 28 को जाम कर दिया, जिस पर कोतवाल टाण्डा के द्वारा सभी आंदोलनकारियों को
गिरफ्तार करके कोतवाली में कैद कर दिया. @Nayak 1
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farmer
Farmers' India
closed: war continues with government, roads in 31 states blocked
Impact of Bharat
Bandh of farmers from Delhi to Bengal, silence all around
Farmers' Bharat bandh is going on against the government's agricultural bill. The farmers have been standing on the borders of the capital Delhi for the last 12 days and their stir against the government continues. Therefore, the effect of the Bharat Bandh is being seen all over the country. The anger of farmers against the government is being seen in various parts of the country including Delhi, Punjab, Haryana, Maharashtra, Uttar Pradesh, Bihar, Bengal. Different pictures are coming out from different states of the country. These pictures are testifying that the roads of 31 states of the country are completely deserted. Only the agitators are seen on the streets. Traffic is at a standstill, the wheels of vehicles have stopped. If some people blocked the wheel, many trains were stopped. Only the echo of farmers is heard from Delhi to Bengal. The government is completely scared by this huge movement. So to thwart the movement, on one side is arresting the workers and on the other side the dock is taking support of the media. Even after this, the government could not suppress the loud voice of the farmers. In this India bandh, along with thousands of peasant organizations, all offshoot organizations of BAMCEF including Bharat Mukti Morcha, Bahujan Kranti Morcha have not only supported, but also closed India in 550 districts of 31 states of the country.
The batch of
farmers reached the Palwal border from Gwalior, both the seals were sealed for
the arrival of the highway
The group of farmers of Gwalior Chambal
reached Gwalior to participate in the ongoing Kisan agitation in Delhi and
reached the Palwal border and got together with the first batch. After that,
the two groups of farmers together sealed both the routes to and from the
Palwal highway border. It is being told that the same border was left which was
not sealed, the remaining 3 borders were already sealed, which was also sealed
by the farmers who went from Gwalior division. As soon as this border is
sealed, now Delhi is completely choke, there is no way left. The first batch
was jammed on one side and sat on the dharna, now the second group jammed and
sat on the other side. However, a lot of efforts were made by the police
administration to stop the second batch, but they reached the first batch,
which was sitting on the Palwal border, while breaking the Verikades. Local
farmer women are also coming to the movement and supporting the movement and
raising slogans.
Strike on National
Highway 24 Jam, Ghaziabad Meerut Expressway
It is the 13th day
of the peasant movement. Millions of farmers protesting against agricultural
laws joined the Bharat Bandh. Farmer leaders have said that the bandh will remain
for the whole day. The Chakka Jam will only be held till 3 in the afternoon. It
will be a peaceful stop. The farmers are adamant on the borders of Delhi, the
capital of the country, demanding the withdrawal of the three laws. As a
precaution, Delhi Police has increased deployment along the borders with
Haryana and Uttar Pradesh and has made strong security arrangements. Police is
constantly giving updates about the routes to the passengers through social
media. Singhu, Jharoda and Tikari borders are completely closed.
Former players
arrived to return the award, police stopped on the way
Support for the farmers engaged in the capital
of the country is increasing. From social and political circles, voices are
being raised for the farmer movement, celebrities of literature and
entertainment world have also come in favor. Athletes have also stood with the
farmers. On Sunday, where boxer Vijender Singh had threatened to return the
Rajiv Gandhi Khel Ratna honor if the new agricultural laws were not withdrawn.
A day before the India bandh, 30 players traveled to Rashtrapati Bhavan on
Monday to return their respective awards. But, Delhi Police stopped him on the
way.
Police arrested
Bharat Mukti Morcha, Bahujan Kranti Morcha workers involved in Bharat Bandh
Workers of Bharat
Mukti Morcha, Bahujan Kranti Morcha involved in Bharat Bandh were arrested by
UP Police. However, after the ruckus of the workers who reached thousands of
police stations, the activists were released at some places. Demonstrations
continued till evening in the remaining few police stations.
According to
information received from the sources, while activists of Bahujan Kranti Morcha
were arrested in Kokhraj, Thana, Kaushambi district of UP, some activists of
Rashtriya Kisan Morcha in Ballia were arrested by the police for supporting the
farmers against the anti-farmer bill. Arrested. After this, a memorandum was
sent to the President through the representative of the District Magistrate
under the leadership of the National President of Rashtriya Kisan Morcha,
Ramsuresh Verma, and the arrested people were released by going to Police Line
Ballia. Apart from this, the police arrested the workers in Ambedkar Nagar in
Uttar Pradesh.
According to the
sources, the National Kisan Morcha and Bahujan Mukti Party gave their full
support in the Tanda Assembly of Ambedkarnagar district to strengthen the
movement launched by the farmers of the country in protest against the new
agricultural law passed by the government and the Indo-bandh called by the
donors. To strengthen the strength, Tanda blocked NH 28 at Baskhari, on which
all the agitators were arrested and imprisoned in Kotwali by Kotwal Tanda.
@Nayak 1
Thank you Google