कहानी 1518 ईस्वी की है , एक औरत अपने घर से निकलकर सड़क पर बेतहाशा नाचना शुरू कर देती है , लोग उसे रोकने की कोशिश करते हैं मगर वोह रुकती नही , वोह बस नाचे जा रही थीं , लोगों ने उसके शौहर को बुलाया उसने भी रोकने की कोशिश की मगर वोह रुकी नही , सुबह से शाम हो गया मगर उसका नाचना नही रुका , उसका नाचना तब ही रुका जब उसकी जिस्म की ताक़त ने हार मान ली और औरत नाचते नाचते सड़क पर गिर गईं !
उसके शौहर ने उसे उठाया और घर ले आया , और अब ये उस औरत का मामूल बन चुका था वोह रोज़ सुबह घर से बाहर निकलती और नाचना शुरू कर देती , एक हफ्ते के अंदर उसे कई साथी भी मिल गए , लोग सड़क पर निकल जाते और नाचना शुरू कर देते , दूसरे लोग उन्हें रोकने की कोशिश करते मगर वोह तब ही रुकते जब जिस्म निढाल हो कर सड़क पर पसर जाता !
शहर में ऐसा लगने लगा जैसे कोई नाचने का वायरस फैल गया हो दिन ब दिन नाचने वाले की तादाद में इज़ाफा होता चला जा रहा था , मेडिकल साइंस ने तब तरक्की नही की थी और इस नाचने वाले कीड़े का इलाज करने से कासिर थी , झाड़ फूंक का भी कोई असर नही दिख रहा था , इसके बाद हुकूमत ने इन नाचने वालों के लिए अलग जगह मुह्य्या कर दिया , कि जिन्हें नाचना हो वोह उस जगह जा कर नाच ले जिससे बाक़ी दूसरों लोगों की जिन्दगी पर असर न पड़े !
फ्रांस की तारीख में इसे डांसिंग प्लेग कहा गया , जैसे ये शुरू हुआ था वैसे ही खत्म हो गया , मगर ये क्यूं शुरू हुआ और इसकी वजह क्या थी ये आज तक पता नहीं चला क्यूंकि नाचने वाले को भी कुछ याद नही था कि वोह क्यूं नाच रहे थे !
एक ज़माने बाद ऐसा लग रहा है जैसे वोह वायरस पूरी दुनिया में फ़ैल गया , तीस सेकंड एक मिनट की विडियो बना बना कर लोग नाचे जा रहे हैं , और अपने वायरस को दुनिया भर में फ़ैला रहे हैं , लेकिन अफसोस की बात है मेडिकल साइंस की तरक्की के बाद भी इस नाचने वाले कीड़े का इलाज नही हो पा रहा है !
निशा.. अहा हा अहा