कुत्ते और गधे में शर्त लगी

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*एक बार कुत्ते और गधे में शर्त लगी कि जो दौड़ कर पहले पहुँचेगा वो सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज़ करेगा।*
*दौड़ शुरु हुई*
*कुत्ता खुश था....*
*उसने सोचा वो तो तेज़ दोडता है....*
*गधे को तो यूँ ही हरा देगा....*
*दोनों ने दौड़ लगानी शुरू कर दी।*
*पर उसे क्या मालूम था कि हर एक मोहल्ले चौक पर बहुत से कुत्ते हैं और वो उसे आगे जाने ही नहीं देगे....*
*हुआ भी ऐसा ही.....*
*हर चौक पर स्थानीय कुत्तों ने उस पर जानलेवा हमला किया....*
*वो बहुत से कुत्तों से लड़ता हुआ जैसे तैसे पहुंच गया....*
*लेकिन वहाँ जाकर देखा कि गधा सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज कर रहा है.....*
*हताश घायल कुत्ता बोला....*
*काश मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लड़े न होते तो..?*
*ये गधा इस सिंहासन तक कभी नही पहुंच पाता....*
*जरा सोचिए गलती कहाँ हो रही है..*
*उदाहरण जानवरों का जरूर हैं पर बात तो इंसानों के लिये सोचने वाली हैं !!*

*यही हो रहा है हजारों सालों से भारत के मूलनिवासियों के साथ।*
*अपने लोग टांग खींच रहे है आगे नहीं बढने दे रहे है एक दूसरे की बस टांग खींचने में लगे हैं।  हर बुद्धिजीवी वर्ग को सुधार करने की जरूरत है।  🙏*

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