सोने का लंका पाटलिपुत्र ही थी ?
मेगस्थनीज ने लिखा है कि मौर्यों के शाही महल के स्तंभों पर सोने की बेलें चढ़ी थीं ... चाँदी के पक्षियों को उन पर सजाया गया था। सोने- चाँदी से शाही महल सुसज्जित था। लंका भी सोने का था।
तार्किक वैचारिक विश्लेषण
मौर्यों के शाही महल को जलाए जाने का प्रमाण है ... सोने- चाँदी से सुसज्जित होने के भी प्रमाण हैं। लंका को भी जलाए जाने का वर्णन है ...सोने का होने का भी वर्णन है।
लंका में अशोक वाटिका थी। पाटलिपुत्र में अशोकाराम था, जिसमें बौद्ध संगीति हुई थी।
राहुल सांकृत्यायन ने लिखा है कि मौर्य वंश के दस राजे ही रावण के दस सिर के प्रतीक हैं।
तो क्या सोने का लंका पाटलिपुत्र ही था ?
इतिहास गवाह है कि पाटलिपुत्र में चैत्य काफी थे। वाल्मीकि के हनुमान लंका जाकर चैत्य ही जलाते हैं और अशोक- वाटिका उजाड़ते हैं।
वाल्मीकि ने लंका के संदर्भ में चैत्य शब्द का प्रयोग किया है।
तमिल की परंपरा यह है कि कोई भी शब्द " र " या " ल " से आरंभ नहीं किया जाएगा। इसलिए रावण और लंका तमिल परंपरा के शब्द नहीं हैं।
अशोक सम्राट की जन्म जयंती हमारे देश में नहीं मनाई जाती है !!
जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार "#महान" शब्द लगाते है !!
जिस सम्राट का राज चिन्ह "#अशोक_चक्र" भारतीय अपने ध्वज में लगाते हैं !!
जिस सम्राट का राज चिन्ह "#चारमुखी_शेर" को भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाते हैं, और "#सत्यमेव_जयते" को अपनाया है !!
जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर "#अशोक_चक्र" दिया जाता है !!
जिस सम्राट के पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जो "#अखंड_भारत" (जो आज का नेपाल, तिब्बत, भूटान,बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो !!
सम्राट अशोक के ही समय में २३ विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई। जिसमें तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशीला, कंधार आदि विद्यालय प्रमुख थे।
इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे !!
जिस सम्राट के शासन काल का विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं !!
जिस सम्राट के शासन काल में #भारत_विश्व_गुरु था, #सोने_की_चिड़िया था और जनता खुशहाल थी !!
👉जिस सम्राट के शासन काल में सबसे प्रख्यात महामार्ग "#ग्रेड_ट्रंक_रोड़" जैसे रोड़ का निर्माण हुआ जिसे आज अकबर रोड़ के नाम से जाना जाता है, २,००० किलोमीटर लंबी पूरी सड़क पर दोनों ओर पेड़ लगाये गये, सराये बनाई गई, मानव तो मानव पशुओं के लिए भी प्रथम बार चिकित्सा घर (हास्पिटल) खोले गए, पशुओं को मारना बंद करा दिया गया था !!
ऐसे महान सम्राट अशोक, जिनकी जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनाई जाती है ना ही कोई राजकीय शोक और ना ही कोई छुट्टी घोषित की गई।
दुःख है जिन नागरिकों को ये जयंती मनानी चाहिए,वो अपना ही इतिहास भुला बैठे, और वो जानते हैं और वो ना जाने क्यों नहीं मनाना चाहते हैं !!
#सम्राट_अशोक_जी_का_परिचय *
👉 जो जीता वही #चंद्रगुप्त_ना_होकर" जो जीता वही #सिकंदर_कैसे हो गया ??
👉जबकि ये बात सभी जानते हैं कि सिकंदर की सेना ने चंद्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते हुए ही लड़ने से मना कर दिया था! बहुत ही बुरी तरह से मनोबल टूट गया था! और वापस लौटना पड़ा था !!