#चार #धाम क्या है??

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#चार #धाम क्या है??

ब्राह्मणी वैदिक  धर्म जिसे वर्तमान मे हिंदू  कहा जाता है उसमें मान्यता है कि चारधाम की यात्रा पवित्र होती है।

पुरातत्त्वीय और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर यह सिद्ध किया गया है कि, यह चार धाम की यात्रा महान सम्राट अशोक ने शुरू किए गए चार धम्म केंद्र की यात्रा है।
चार धाम यह चार धम्म केंद्र का अपभ्रंश है।

बुद्ध के समय ही बुद्धने धम्म के प्रचार और प्रसार हेतु पूरे देश को चार zone में बांटा ताक़ि, सही management हो पाए।
1) ओडिसा
2) तमिलनाडु
3) गुजरात
4) उत्तराखंड
यह चार धम्म केंद्रों के माध्यम से बुद्ध के समय में ही धम्म का बहोत ज्यादा प्रसार और प्रचार किया गया था.

10वी शताब्दी के बाद  इन चारों बौद्ध केंद्रों पर बड़े पैमाने में ब्राह्मणों में अपना वर्चस्व स्थापित किया और वहां की बौद्ध वास्तु, बौद्ध कला और बोधिसत्व की मूर्तियों को विष्णु और शिव की मूर्तियां में तब्दील किया। स्तुपो को शिव लिंग बनाया.

इसी कड़ी में आज का जो बद्रीनाथ है, वह भी बुद्ध केंद्र था. वास्तव में यह बद्रीनाथ नाही बल्कि, भद्र नाथ है . पाली भाषा मे भद्र का मतलब महान या सभ्य होता है। नाथ यह मुलता बुद्ध का ही उपनाम है।  बुद्ध के नाम से ही इस धम्म केंद्र का नाम भद्रनाथ रहा होगा ऐसा माना जाता है।

इस बद्रीनाथ में नजदीक ही एक मन्दिर है  जिसे पुंडकेश्वर मंदिर कहा जाता है। पुंडकेश्वर यह भी पुण्डरीक शब्द से बना हुवा शब्द है। पुंडरीक यह भी बुद्ध तथा बोधिसत्व के लिए प्रयोग किया जानेवाला शब्द है।

पुरातात्विक अधोरोपर यह मान्यता है कि, उत्तरांखड और भारत कें उपरि हिस्से में महायानियों का ज्यादा प्रभाव रहा है। इस लिए बोधिसत्व और अवलोकितेश्वर की प्रतिमाएं बड़े पैमाने पे पाए जाते है। अक्सर पूरे भारतवर्ष में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को ही ब्राह्मणों ने विष्णु या फिर शंकर बना दीया है।

बद्रीनाथ में जो मूर्ति है, वह कहा जाता है कि विष्णु की एकमेव  ध्यान साधनामें बैठी हुवी मूर्ति है। 
लेकीन इस मूर्ति का तुलनात्मक अध्ययन करे तो पता चलता है यह, बोधिसत्व की ध्यानी मूर्ति है। अजंता में पाए गए मूर्ति से बिल्कुल मेल खाती हुवी यह मूर्ति है।
 
एक प्राचीन बद्रीनाथ के फोटो पर निर्वाण दर्शन लिखा गया है। यह निर्वाण शब्द पाली के निब्बाण शब्द से लिया गया है। निर्वाण का मतलब होता है, नि माने नही और वाण माने आसक्ति या वासना. सभी आसक्तियों का त्याग करना याने निर्वाण.... यह बुद्ध के संबंध में आया हुवा शब्द है

चार धाम, 1) पूरी का जगनाथ यह भी बुद्ध केंद्र है. ओरिसा यह प्राचीन भारत मे बहोत बड़ा केंद्र था।
2) रामेश्वर यह तमिलनाडु में है। यह भी बौद्ध केंद्र था।
3) द्वारका यह सोमनाथ मंदिर से लगभग 200 km के अंतर पर है। सोमनाथ यह प्राचीन बुद्ध स्तुपों के ऊपर बनाया हुवा मंदिर है।
4)उत्तराखंड का बद्रीनाथ यह मुलता बुद्ध विहार है। पूरा इलाखा धम्म केंद्र है।
जय मूलनिवासी 
@Nayak1

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