डेलीगेट्स का प्री-रजिस्ट्रेशन :- संगठन काफी लम्बे समय से यह अनुभव कर रहा था कि राष्ट्रीय अधिवेशनों में न पूरे देश भर से हजारों कार्यकर्ता आते हैं।
तो जब अधिवेशन अपने नियत समय पर शुरू होता था तो पता यह चलता था कि जितने लोग अधिवेशन में आए हुए हैं उसमें कुछ प्रतिशत लोग ही अधिवेशन में बैठे पाये जाते थे क्योंकि अधिवेशन के पहले और दूसरे दिन तक कार्यकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर कार्यकर्ता जिस मकसद के लिए अधिवेशन में आते है, वह पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए संगठन ने निर्णय लिया कि देश भर से अधिवेशन में आने वाले कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों का प्री-रजिस्ट्रेशन कराया जाय, जिससे कि अधिवेशन लगाने के मकसद को पूरा किया जा सके अर्थात अधिवेशन में आने वाले कार्यकर्ता और प्रतिनिधि अधिवेशन में शुरू से ही बैठ सकें और समस्त वक्ताओं को सुन सकें। इसके अलावा प्री-रजिस्ट्रेशन होने से अधिवेशन में आने वाले कार्यकर्ता और प्रतिनिधियों की वास्तविक संख्या मिल जाने से उनके रहने-ठहरने, खाने-पीने, टायलेट-बाथरूम आदि की व्यवस्था करने में भी काफी सहूलियतें होती है। इसलिए संगठन ने प्री-रजिस्ट्रेशन का सिद्धान्त लागू किया। जिसमें भारी सफलता मिली। उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें शत्-प्रतिशत सफलता मिलेगी।
जय मूलनिवासी