काशी के करोड़पति साहित्यकार: बेटा-बेटी ने 80 करोड़ हड़पकर बेघर किया
श्रीनाथ खंडेलवाल की कहानी
काशी के प्रतिष्ठित साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल, जिन्होंने अपने जीवन में 400 से अधिक किताबें लिखीं और 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक थे, का शनिवार सुबह वाराणसी के 'दीर्घायु अस्पताल' में निधन हो गया। उनकी दुखद कहानी ने समाज को झकझोर कर रख दिया है।
बेटा-बेटी का धोखा
श्रीनाथ खंडेलवाल के बेटे, जो एक बड़े बिजनेसमैन हैं, और बेटी, जो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, ने उनकी 80 करोड़ की संपत्ति हड़प ली और उन्हें घर से निकाल दिया। मार्च 2024 से वे काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में रह रहे थे।
वृद्धाश्रम में बिताए अंतिम दिन
मार्च 2024 से वृद्धाश्रम में रह रहे श्रीनाथ खंडेलवाल को कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। उनकी देखभाल वृद्धाश्रम के केयरटेकर और उनके मित्र अमन कबीर ने की।
अंतिम संस्कार में परिवार की गैरमौजूदगी
खंडेलवाल जी के निधन के बाद भी उनके परिवार से कोई अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। अमन कबीर ने दोस्तों के साथ मिलकर उनका अंतिम संस्कार किया और पिंडदान किया।
समाज के लिए संदेश
यह कहानी समाज के लिए एक चेतावनी है। श्रीनाथ खंडेलवाल जैसे विद्वान का ऐसा अंत यह दर्शाता है कि पैसा और नाम सब कुछ नहीं है। हमें अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।