ईवीएम के माध्यम से ब्राह्मणवादी व्यवस्था की वापसी: सुनयना हंडोरे का बड़ा बयान
पुणे, नायक 1
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महायुति सरकार की अप्रत्याशित जीत के बाद विवाद गहराता जा रहा है।1 अप्रैल 2025 विपक्षी दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर ठाणे जिले की 'नफ' संगठन की प्रमुख सुनयना हंडोरे ने गंभीर बयान देते हुए कहा कि ईवीएम के माध्यम से ब्राह्मणवादी व्यवस्था को फिर से स्थापित किया जा रहा है।
महिलाओं की आजादी और ब्राह्मणवादी व्यवस्था
- पुणे में भारत मुक्ति मोर्चा और सर्व सहयोगी महिला संगठन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय जागरूकता बैठक के दौरान सुनयना हंडोरे ने कहा कि अगर गुलामी की विचारधारा वाले लोग शासक बन गए तो महिलाओं की आजादी खतरे में पड़ जाएगी
- उन्होंने मनुस्मृति कानून का जिक्र करते हुए कहा कि हजारों साल तक महिलाओं पर अत्याचार हुआ।
- महापुरुषों के संघर्ष से जो अधिकार मिले थे, उन्हें अब एक बार फिर से छीनने की साजिश रची जा रही है।
शिक्षा और आरक्षण पर हमले का आरोप
हंडोरे ने कहा कि शिक्षा ही बहुजन समाज का सबसे बड़ा हथियार है, लेकिन इसे निजीकरण के जरिए कमजोर किया जा रहा है।
आरक्षण खत्म करने की साजिश रचकर बहुजनों के बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, "हमें समाज में जाकर महिलाओं और बच्चों को इस अन्याय के खिलाफ जागरूक करना होगा और उन्हें इस आंदोलन में शामिल करना होगा।"
महिलाओं को न्याय दिलाने की अपील
सुनयना हंडोरे ने ठाणे जिले में महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि कई महिलाएं अन्याय का शिकार हो रही हैं। उन्हें उनके अधिकारों और न्याय पाने के तरीकों की जानकारी नहीं है। उन्होंने महापुरुषों के विचारों और संघर्षों को महिलाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
निष्कर्ष
सुनयना हंडोरे का यह बयान बहुजन समाज और महिलाओं के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने कहा कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। ईवीएम के माध्यम से सत्ता की वापसी को चुनौती देने के लिए महिलाओं को जागरूक होना होगा और संगठित प्रयास करना होगा।
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