मौर्य काल के भोन स्तूप पर खतरा: वामन मेश्राम का सरकार को बड़ा संदेश

0
मौर्य काल के भोन स्तूप पर खतरा: वामन मेश्राम का सरकार को बड़ा संदेश
NAYAK 1 NEWS
🔴 BREAKING: मौर्य काल के भोन स्तूप पर मंडराया ख़तरा! वामन मेश्राम का सरकार को अल्टीमेटम!

मौर्य काल के भोन स्तूप पर खतरा: ऐतिहासिक धरोहर बचाने के लिए वामन मेश्राम का बड़ा ऐलान

बुलढाणा | रिपोर्ट – NAYAK 1 NEWS

वामन मेश्राम ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि मौर्य काल की ऐतिहासिक धरोहर – भोन स्तूप और मौर्यकालीन भवन आज खतरे में हैं। सरकार उस स्थान पर डैम बनाने की योजना बना रही है, जिससे बुद्ध काल और मौर्य काल की अनमोल विरासत नष्ट होने का खतरा है।

मेश्राम: “यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि बहुजन महापुरुषों की ऐतिहासिक धरोहर है जिसे हर हाल में बचाना होगा।”

मौर्य काल की धरोहर पर डैम का खतरा

उन्होंने बताया कि सरकार जानती है कि यह स्थान मौर्य काल का है, बुद्ध काल की धरोहर है, फिर भी वहां डैम बनाने की योजना बनाई जा रही है। यह ऐतिहासिक रूप से गलत और सांस्कृतिक रूप से विनाशकारी है।

इतिहासकारों के अनुसार वहां गौतम बुद्ध की अस्थियाँ भी मौजूद हैं, जो इसे भारत की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों में से एक बनाती है।

“यह जगह किसी आम व्यक्ति की नहीं, गौतम बुद्ध की अस्थियों की जगह है। इसे नष्ट करना भारत के इतिहास पर प्रहार होगा।” — वामन मेश्राम

धरोहर बचाने के लिए देशव्यापी आंदोलन की तैयारी

मेश्राम ने कहा कि अगर सरकार अपनी योजना नहीं बदलती, तो इस विरासत को बचाने के लिए देशभर में एक बड़े स्तर का विरोध आंदोलन शुरू किया जाएगा।

“हम मौर्य इतिहास, मौर्य संस्कृति और बुद्ध विरासत को बचाने के लिए नेशनल लेवल का बड़ा पब्लिक प्रोटेस्ट करेंगे।” — वामन मेश्राम

सरकार के लिए दो विकल्प

विकल्प 1: मौर्यकालीन स्तूप और इमारत के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाकर उसे संरक्षित करें।

विकल्प 2: बुद्ध की अस्थियों को सुरक्षित स्थान (बुलढाणा) में स्थानांतरित कर एक विशाल स्मारक बनाएं।

मेश्राम ने कहा कि यह तकनीकी रूप से संभव है और सरकार चाहे तो दोनों विकल्पों में से कोई भी अपनाकर इतिहास बचा सकती है।

सरकार की जिम्मेदारी और समाज का हक

उन्होंने कहा कि यह धरोहर सिर्फ मौर्य इतिहास नहीं बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और सभ्यतागत पहचान है। इसे नष्ट होने देना अपराध है।

“भारत की धरती, भारत का इतिहास है। मौर्य काल की विरासत को बचाना सरकार का कर्तव्य और जनता का अधिकार है।” — वामन मेश्राम

निष्कर्ष: विरासत बचाने की राष्ट्रीय लड़ाई

वामन मेश्राम ने कहा कि अगर सरकार ने ऐतिहासिक भोन स्तूप की सुरक्षा का निर्णय नहीं लिया, तो संगठन पूरे देश में आंदोलन करेगा। बुद्ध विरासत को बचाने की यह लड़ाई हर बहुजन, हर भारतीय की जिम्मेदारी है।

आपकी राय महत्वपूर्ण है.

आपको यह लेख कैसा लगा? कृपया अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें। इसके अलावा, अगर आपके पास इस विषय पर कोई सुझाव या विचार है, तो हम उसे भी जानना चाहेंगे।

"आपका यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद! हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको जानकारीपूर्ण लगा होगा। कृपया कमेंट के जरिए हमें अपनी राय दें। आपके विचारों का हमेशा स्वागत है!"

बा ने कहा है "आइब्रो के बालों को काला करने के लिए आपको एक मोमबत्ती जलानी है, इसके ऊपर एक लहसुन और एक बादाम को जलाकर काला कर लेना है। अब इन दोनों को बारीक तरीके से कूटकर, इसमें आधा चम्मच बादाम का तेल और एक चम्मच कैस्टर ऑयल मिलाना है। इन्हें अच्छे से मिलाकर रोजाना रात में थोड़ा थोड़ा अपनी भौहों पर लगाएं। एक-एक बाल काला हो जाएगा।"

जय मूलनिवासी!

-

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top